My Two Cents
Saturday, 20 May 2017
बस्ती के बच्चे
रोज़ पड़े रह जाते है उस दुकानदार के खिलोने,
बस्ती के बच्चे काम पर निकल जाते है।
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रोज़ पड़े रह जाते है उस दुकानदार के खिलोने, बस्ती के बच्चे काम पर निकल जाते है।
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रोज़ पड़े रह जाते है उस दुकानदार के खिलोने, बस्ती के बच्चे काम पर निकल जाते है।
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